जब भरत ने ऋषि भारद्वाज की परीक्षा पर की तब ऋषि भारद्वाज ने ऋषि वशिष्ठ, भरत और उनके साथ आइये सब लोगों का स्वागत करना चाहा। उन्होनें भरत से उनके साथ आए रघुकुल के सदस्य, अयोध्या वासी, सेना, इत्यादि के बारे में पुछा। जवाब में भरत ने कहा कि वह आश्रम की शांति को भांग नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्होंने सभी को आश्रम से दूर ठहराया था। पर ऋषि भारद्वाज परम्परा अनुसार, उन सबकी, आवभगत करना चाहते थे। उन्होंने सबके खान-पान, रेहेन-सेहेन की व्यवस्था कैसे करी? और हमें भरत की नागरिकता मने civic sense के बारे में क्या पता चलता है आइए जानतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में।