अयोध्या में राजा दशरथ के अंतिम संस्कार की तैयारियाँ शुरू हो गयीं थीं। भारत और शत्रुगण को केकय से अयोध्या वापस बुलाने के लिए दूतों को भेजा गया। जिस रात वह दूत केकय की राजधानी गिरिव्रज पहुंचे, उस ही रात भरत को एक बड़ा ही अप्रिय सपना दिखाई दिया। वह सपना क्या था? भरत को कुश करने की लाख कोशिशों के बाद भी वह सपना क्यों नहीं भुला पा रहे थे? और उनके अनुसार यह स्वप्न किस प्रकार की अनहोनी का संकेत था? आइए जानतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में।