आख़िर वह दिन आ ही गया जिसके लिए भरत ने जी-तोड़ मेहनत करी थी। भरत को राम मिल गए थे। इतने दिनों से वह इस विचार में विवश थे कि वह राम के अपराधी थे और उनकी वजह से राम को वनवास मिला था। इस लिए भरत राम को देखते ही उनके पैरों में गिर गए। पर राम ने अपने छोटे भाई को उठाकर गले से लगाया और एक छोटे बच्चे की तरह उन्हें गोद में बिठाया। वह भरत के लिए खुश थे क्योंकि उन्होंने समझा की पिता दशरथ ने भरत को अब अयोध्या का राजा बना दिया है। राम ने बड़े प्रेम और सम्मान से भारत से उनका हाल पुछा। आइए सुनतें हैं राम और भरत का संवाद रामायण आज के लिए के इस episode में।